तलाश / The search
हमारी ज़िन्दगी भर की तलाश कुछ लम्हे प्रेम के
कुछ प्रेम भरी निगाहों के
और कुछ प्रेम भरे स्पर्श के
लेकिन हमारा प्यास है अनंत जिसका कोई आदि न आंत
वह प्यास ऐसी, किकिसीके प्यार भरे बोल निगाहों या स्पर्श से न मिटने वाली
दर दर भीख मांगने से भी न मिटने वाली प्यास है यह
पर जहा पल दो पल मन ठहरा वही मेरी मुलाक़ात हुई
अपने भीतर ही प्रेम के विशाल सागर का
जिसकी लहरों पे तैर रही हूँ मैं
जैसे ही साहस बांध के डूबकी लगाई वैसे ही पाया
मैं ही तो हूँ वह अथाह सागर
मैं ही तो हूँ जिसकी मुझे है तलाश
उस एक पलने बना दिया दीन से रानी मुझे
बस मैं देती जाऊं, देती जाऊं ,और देती जाऊं
क्योकि यह न ख़तम होने वाला प्रेम रूपी पानी
मेरी ज़िन्दगी भर की तलाश की कर देती है सम्पाप्ति
और देती है है मुझे परिपूर्ण तृप्ति
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We keep searching for that elixir called love
in some quiet moments with someone
or in someone's eyes
or in someone's touch
but our thirst for love is so vast that it has neither beginning nor end
this thirst can not be quenched by someone's loving words, eyes or touch
I can go around begging a thousand times for that love yet I will remain thirsting
Yet as soon as the mind settles down
I come face to face with the ocean inside
on whose waves I am swimming
Gathering courage, the moment I dive in
I find - I am that ocean !
The moment changes me from a pauper to a queen
I want to keep giving and giving and giving
For the waters of love are never ending
In that moment I feel fulfilled and content
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